कोई झांक रहा है आपकी हैसियत पर!
कारें जब से ईजाद की गईं, तब से ही स्टेटस सिंबल हैं. किसके पास कौन सा ब्रैंड है, किसके पास कौन सी कार है, किस देश में बनी कार है, कितनी कारें हैं, इनसे समाज में उसका दर्जा तय होता है. लोग पड़ोसियों और रिश्तेदारों को जलाने के लिए भी महंगी कारों की नुमाइश करते फिरते हैं. स्टेटस सिंबल बताने वाली कारें, अब किसी भी इलाक़े की आमदनी, सामाजिक स्थिति और ग़रीब-अमीर के बीच फासले की भी ख़बर देंगी. मसलन, किसी भी इलाक़े में ज़्यादा विदेशी कारें हैं, तो ज़ाहिर है कि वहां के लोगों की आमदनी ज़्यादा है, तभी वो इतनी महंगी कारें ख़रीद पा रहे हैं. हैरानी की बात ये नहीं है. हैरानी की बात ये है कि ये आंकड़े किसी सर्वे करने वाली कंपनी के ज़रिए नहीं निकाले जा रहे हैं. बल्कि गूगल कंपनी के स्ट्रीटव्यू से ये आंकड़े जमा किए जा रहे हैं. गूगल पर क्यों लगा 17 हज़ार करोड़ रुपये का जुर्माना? गूगल के कर्मचारी ने महिलाओं के विषय में ऐसा क्या लिखा जिससे खलबली मच गई इमेज कॉपीरइट GETTY IMAGES Image caption जुलाई 2017 में एक गूगल स्ट्रीट व्यू कार इस इंक़लाबी तरीक़े से जमा जानकारी से आने वाले वक़्त में और भी दिलच...